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मजबूत इच्छाशक्ति की प्रतीक हैं ‘प्रियंका चोपड़ा’

Mithilesh's Pen
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यूं तो मायानगरी मुंबई में हजारों युवा सुहावने सपने लिए आते हैं, लेकिन कुछ एक के ही सपने पूरे हो पाते हैं. हालाँकि प्रियंका चोपड़ा इस मामले में खुशकिस्मत हैं, किन्तु खुशकिस्मती से ज्यादा उनकी अपनी कड़ी मेहनत और काम के प्रति लगन ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित किया है. बॉलीवुड ही क्यों, अपनी प्रतिभा के बल पर इस बोल्ड लेडी ने हॉलीवुड तक में अपनी बादशाहत स्थापित की है. अपने ग्लैमरस अंदाज और शरारती मुस्कराहट की वजह से एक ओर वह फिल्मकारों की पंसदीदा बन चुकी हैं तो दूसरी ओर उन लाखों युवतियों के लिए प्रेरणा का कार्य भी वह कर रही हैं, जो ग्लैमर वर्ल्ड में अपनी पहचान पुख्ता करने के लिए संघर्षरत हैं. छोटे शहर बरेली में जन्मी प्रियंका ने बॉलीवुड के रंगीन आकाश का चमकता सितारा बनने के लिए कई सारी मुसीबतों का सामना धैर्यपूर्वक करते हुए सफलता की तरफ कदम दर कदम बढ़ाए. निश्चित रूप से प्रियंका को यह प्रेरणा उनके माता-पिता से मिलती रही है. इस बात से उन तमाम रूढ़िवादी लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए, जो अपने बच्चों पर अपनी इच्छा थोपने में ज़रा भी हिचकिचाते नहीं हैं. प्रियंका के पिता अशोक चोपड़ा और मां मधु दोनों पेशे से फिजीशियन हैं, किन्तु उन्होंने अपनी बेटी पर डॉक्टर बनने का दबाव नहीं डाला, बल्कि उसकी प्रतिभा को विकसित होने का भरपूर मौका प्रदान किया! वैसे तो प्रियंका का जन्म झारखंड के जमशेदपुर में हुआ लेकिन पिता के आर्मी में होने की वजह से प्रियंका को बहुत सारे शहरों में रहने का अवसर मिला.

उनकी उपलब्धियों की बात करें तो मुंबई के जय हिंद कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही प्रियंका ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता और कॉलेज की पढाई बीच में ही छोड़ सक्रीय रूप से मॉडलिंग के तरफ अपना करियर बनाने में जुट गईं. बहुत कम लोग जानते होंगे कि बॉलीवुड में डेब्यू से पहले प्रियंका ने 2002 में तमिल फिल्म ‘थमिज़न’ किया था. वर्ष 2000 में मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीत कर प्रियंका भारत की पांचवी महिला बनीं, जिन्होंने इस समय तक मिस वर्ल्ड का ख़िताब अपने नाम किया था. इसके बाद फिर क्या था, बॉलीवुड ने भी दरवाजे खोल दिए प्रियंका के लिए और जल्द ही उन्होंने ने फिल्म “द हीरो” साइन कर ली! हालाँकि, इस फिल्म और उसके बाद की कुछ फिल्मों में प्रियंका कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं, लेकिन चर्चा में कैसे बने रहना है, यह इस अभिनेत्री को बखूबी पता था! संघर्ष और असफलता के इस दौर में भी उन्होंने मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा और जल्द ही परिणाम देखने को भी मिला. डेविड धवन की फिल्म “मुझसे शादी करोगी” में एक बार फिर प्रियंका ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा! इसके बाद आई फिल्म “ऐतराज़” के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल विलेन का अवार्ड मिला. वर्ष 2008 में प्रियंका की लगातार छह फिल्में आईं जिनमें से शुरुआती पांच तो फ्लॉप साबित हुईं लेकिन छठी फिल्म मधुर भंडारकर की “फैशन” ने एक बार फिर प्रियंका के सफर में टर्निग प्वाइंट की तरह काम किया! “फैशन” ने प्रियंका चोपड़ा के कॅरियर को नई राह दी. कल तक एक नई हिरोइन का तमगा संभाले प्रियंका “फैशन” के बाद बॉलिवुड की सफल हिरोइनों में गिनी जाने लगीं. “फैशन” के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट हिरोइन का अवार्ड भी मिला. “दोस्ताना” में भी उनका अभिनय काबिल-ए-तारीफ रहा.

इसी आगे बढ़ने के क्रम में वर्ष 2009 में उन्हें मिस वर्ल्ड के लिए जज के तौर बुलाया जाना तो सिर्फ शुरुआत थी आने वाले चमकते समय की, उसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बुलंदियां छूने का क्रम शुरू कर दिया था! इससे पहले, फिल्म “फैशन” के लिए प्रियंका चोपड़ा को सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार (National Film Award for Best Actress) और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड (Filmfare Best Actress Award) दोनों मिले. हालाँकि, कैरियर की शुरुआत में फिल्म “अंदाज” के लिए प्रियंका चोपड़ा को फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड (Filmfare Best Female Debut Award) का पुरस्कार मिला था, किन्तु इन पुरस्कारों की अहमियत कहीं ज्यादा बड़ी थी. धीरे-धीरे प्रियंका के अनुभव में सुधार होता गया. इसी क्रम में, 2011 में आई फिल्म “सात खून माफ” यूं तो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली पर इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने जिस तरह की अदाकारी की उसने सबका मन मोह लिया! फिल्म “कमीने” में भी प्रियंका के अभिनय की सबने सराहना की. इसके बाद तो मैरी कॉम, बर्फी, कमीने, फैशन, जैसी फिल्मों में प्रियंका ने अपनी दमदार एक्टिंग से जान डाल दिया! इस बड़ी अभिनेत्री ने खुद को सिर्फ बड़े परदे तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अपनी प्रतिभा को काफी आगे तक बढ़ाया! फिल्मों के साथ यह अभिनेत्री छोटे पर्दे पर भी सक्रिय रही है. टीवी शो ‘खतरों के खिलाड़ी लेवल 3’ की वह होस्ट रह चुकी हैं. प्रियंका के अंतर्राष्ट्रीय सफर की बात करें तो यह बेहद चमकदार रहा है. अमेरिका के मशहूर टीवी चैनल एबीसी के शो ‘क्वांटिको’ में लीड रोल हासिल कर अमेरिका की 10 सेक्सी टीवी एक्ट्रेसेस की लिस्ट में अपना स्थान बना प्रियंका ने ये साबित कर दिया कि वो केवल ‘देशी गर्ल’ ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल खूबी वाली अभिनेत्री हैं. इनके अंतर्राष्ट्रीय सफर में, विल.आइ.एम और पिटबुल जैसे इंटरनेशनल म्यूजिक आइकॉन के साथ प्रियंका ने बतौर रिकॉर्डिंग आर्टिस्ट करियर लॉन्च किया. यही नहीं, बल्कि एनएफएल के बेहद लोकप्रिय थर्सडे नाइट फुटबाल किक ऑफ शो में ‘माइ सिटी’ पर परफॉर्म किया है. इसके बाद दुनिया के मशहूर ‘अकेडमी’ अवार्ड में भी इस भारतीय अभिनेत्री को रेड कारपेट पर न केवल देखा गया, बल्कि प्रेजेन्टेटर के तौर पर पेश भी किया गया. इसके बाद बड़े बैनर की हॉलीवुड फिल्म ‘बेवाच’ में यह अभिनेत्री अभिनय करने में जुटी हुई है, जिसमें डब्ल्यूडब्ल्यूई के फाइटर और मशहूर हॉलीवुड अभिनेता ड्वेन जोंसन उनके को-स्टार हैं.

अभी हाल ही में प्रियंका को भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान “पद्मश्री” से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रियंका को यह पुरस्कार दिया. जाहिर है, इस मेहनती अभिनेत्री के लिए इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है भला! इससे पहले ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ के तहत प्रियंका को भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अमिताभ बच्चन के साथ संयुक्त रूप में ‘ब्रांड अम्बेस्डर’ की जिम्मेदारी पहले ही मिल चुकी है. जाहिर है, किसी अभिनेत्री को इससे ज्यादा क्या कुछ चाहिए, किन्तु इस महत्वकांक्षी अभिनेत्री को काम की भूख है और वह लगातार अपने सफर पर आगे बढ़ती जा रही हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि इस अभिनेत्री ने विवादों को काम के ऊपर कभी भी हावी नहीं होने दिया. करियर के इस सफर में प्रियंका का नाम कई स्टार्स के साथ जोड़ा गया, लेकिन बिना दबाव में आये बॉलिवुड की इस ग्लैमरस हॉट हसीना प्रियंका चोपड़ा ने मॉडलिंग से एक्टिंग तक का सफर तय कर साबित कर दिया कि अगर कुछ पाने की चाह हो तो उसके आड़े कोई नहीं आ पाता! जाहिर है, आगे अभी लम्बा आसमान बाकी है और प्रियंका उसे छूने और पाने के लिए रोज अपनी इच्छाशक्ति और मजबूती की नयी मिसालें पेश करती जा रही हैं. उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, सीखने की ललक, नयी चुनौतियों से आँख मिलाने का साहस उन्हें ‘ख़ास’ बनाता है. इसीलिए तो उन्हें मिली सफलता बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स के लिए ‘जलन’ का विषय हो सकती है तो पुरुष प्रधान ‘फिल्म इंडस्ट्री’ में महिलाओं के सावधानी और मजबूती से आगे बढ़ने की मजबूत प्रेरणा भी ‘प्रियंका’ को निश्चित रूप माना जा सकता है!

मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.

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