Menu
blogid : 19936 postid : 1099391

उसमें से निकले सुभाष चन्द्र बोस…

Mithilesh's Pen
Mithilesh's Pen
  • 361 Posts
  • 113 Comments

ए बी सी डी ई ऍफ़ जी

उसमें से निकले पंडीजी

पंडीजी ने खोदा गड्ढा

उसमें से निकला गांधी बुड्ढा (आदरणीय)

गांधीजी ने खाया गोश (गोश्त)

उसमें से निकले सुभाष चन्द्र बोस ….

फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन करने वाले भी नेताजी ही थे. दुर्भाग्य यह रहा कि इस अद्वितीय योद्धा के कुछ दांव संयोग से उल्टे पड़े, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी-जापान की हार प्रमुख थी और इसलिए उनके द्वारा गठित आज़ाद हिन्द फ़ौज को पीछे हटना पड़ा. दुर्भाग्य ने नेताजी का मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ा और यह दुर्भाग्य कुछ ऐसा रहा कि देशवासी और उनके परिवारीजन विश्वास से एक तिथि पर उनकी श्रद्धांजलि भी नहीं मना सके. आश्चर्य तो यह है कि जब 1945 में 18 अगस्त को नेताजी की मृत्यु का समाचार प्रसारित हुआ तो महात्मा गांधी की प्रतिक्रिया अजीब तरह से सामने आयी. 1997 की रिपोर्ट से ऐसी ही एक फाइल सामने आई है जिसके अनुसार 18 अगस्त 1945 में ताईहोकू के प्लेन क्रैश में बोस की कथित तौर से मृत्यु के बाद महात्मा गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उन्हें लगता है कि नेताजी जिंदा हैं. हालाँकि अपने कंट्राडिक्ट्री स्वभाव के अनुसार, इस वक्तव्य के चार महीने बाद एक लेख में गांधीजी ने यह भी माना कि ‘इस तरह की निराधार भावना के ऊपर भरोसा नहीं किया जा सकता.’ 1946 की एक अन्य गुप्त फाइल के अनुसार गांधीजी ने अपनी इस भावना को ‘अंतर्मन’ की आवाज़ कहा था लेकिन लोगों को लगता था कि उनके पास हो न हो कुछ गुप्त सूचना है. फाइल में यह भी लिखा गया था कि एक गुप्त रिपोर्ट कहती है कि नेहरू को बोस  की एक चिट्ठी मिली है जिसमें उन्होंने बताया है कि वह रूस में हैं और भारत लौटना चाहते हैं.

जनभावना का आदर जैसी शब्दावलियाँ अनायास ही फ़िज़ा में तैरती रहीं, लेकिन मौत से जुड़ा राज तो राज ही रहा. खैर, अब 2015 में पहली बार इस रहस्य से परत हटाने की ठोस कोशिश होती दिखी है और यह प्रयास करने का बीड़ा उठाया है नेताजी की गृह राज्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने. नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े रहस्य की 64 फाइलें बंगाल सरकार ने सार्वजनिक कर दी हैं. नेताजी की जिंदगी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम सच को क्यों न उजागर करें… सच की जीत होनी चाहिए और सच की जीत होगी. हम सच को नहीं दबा सकते… आज सच उजागर होने की शुरुआत हुई है और अब केंद्र सरकार को भी सच को उजागर करना चाहिए.’ जाहिर है कि सच उजागर करने की बात ममता दी भले ही कर रही हैं, लेकिन इस दांव से उन्होंने न केवल केंद्र सरकार पर दबाव बना दिया है, बल्कि राज्य की भावना को भी अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की है. साफ है कि जो राजनीति अब तक कांग्रेस को परेशान करती रही है,  अब बीजेपी का पीछा कर सकती हैं. हालाँकि, प्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इससे पहले कहा था कि ‘लोगों को नेता जी के बारे में सच्चाई जानने का हक है और हम फाइलों को सार्वजनिक करने के पक्ष में हैं. लेकिन कुछ फाइलों का संबंध विदेश मंत्रालय से है और इस बारे में जनहित को ध्यान में रखा जा रहा है.gandhi-and-subhash-chandra-bose-patel

मारना हो अथवा गांधीजी के ‘आत्यंतिक अहिंसा’ के मार्ग को चुनौती देते हुए आज़ादी की खातिर आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन हो! हालाँकि, हिटलर जैसे तानाशाही व्यक्ति से नजदीकी के चलते कुछ लोग नेताजी पर भी दबे स्वरों में बात करते रहे हैं, लेकिन उनकी राष्ट्रभक्ति और उसके लिए कुछ भी कर जाने का जूनून सूरज की भांति चमकदार है. रंगून के ‘जुबली हॉल’ में सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया वह भाषण सदैव के लिए इतिहास के पत्रों में अंकित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि- “स्वतंत्रता बलिदान चाहती है. ऐसे नौजवानों की आवश्यकता है, जो अपना सिर काट कर स्वाधीनता देवी को भेट चढ़ा सकें. तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा. यह नारा निर्विवाद रूप से आज़ाद भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय नारा कहा जा सकता है. उनका एक दूसरा नारा ‘दिल्ली चलो’ भी काफी लोकप्रिय हुआ था, और इसी तर्ज पर ममता बनर्जी ने भी फाइलों का खुलासा करके नारा दे दिया है कि ‘दिल्ली चलो’… शायद वहां से नेताजी की मौत के रहस्यों पर से पर्दा उठ सके.

– मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.

Netaji Subhash Chandra Bose death mystery, Hindi Article

सुभाष चंद्र बोस, नेताजी का रहस्य, सुभाष चंद्र बोस की फाइलें, ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल सरकार, Subhash Chandra Bose, Netaji Mystery, Netaji files, Mamata Banerjee, West Bengal government, Netaji declassified files, hindi lekh, freedom fighters, azad hind fauj, forward block, Mahatma Gandhi, Tum mujhe khoon do mai tumhe azadi doonga, dilli chalo

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh