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कैंसर – Cancer the Dangerous Disease, Short story by Mithilesh in Hindi

Mithilesh's Pen
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अरे, वह तुम्हारी आंटी कैसी हैं? रेस्टोरेंट में बैठे हुए गौरव ने आदी से पूछा.

कैंसर निकला यार !

दुखी होते हुए आदी बोला. फिर दोनों में कैंसर पर चर्चा शुरू हो गयी.

आजकल खाने वाली प्रत्येक चीज में यूरिया, केमिकल्स, प्लास्टिक इत्यादि की मिलावट ही तो होती है, कैंसर नहीं होगा तो और क्या होगा!fast-food-is-poison

गौरव ने गूगल की तरह तुरंत सर्च रिजल्ट पेश किया.

हां! और लोग भी आज कल पिज्जा, बर्गर, सैंडविच पर ही ज़िन्दगी गुजार रहे हैं, फास्टफूड्स के बिना तो जीभ का स्वाद जैसे फीका ही रहता है उनका! आदी ने भी चर्चा में जोरदार उपस्थिति दर्ज की. बात घुमते- घुमते सरकार की नाकामी पर आ गयी. दोनों एक स्वर में बोले, यह नयी सरकार तो पूंजीपतियों की खिलौना भर है. देश में हज़ारों हज़ार की संख्या में फ़ूड चेन्स खुल रही हैं और इनसे कैंसर जैसे रोग ही तो फ़ैल रहे हैं, आदी ने मजबूत तर्क पेश करते हुए तमाम आंकड़े पेश किये.

देशभक्ति के भाव और देशवासियों के स्वस्थ्य की चिंता ने दोनों को भावुक कर दिया. चर्चा में उन्होंने तमाम मल्टीनेशनल कंपनियों को धो डाला. रेस्टोरेंट में बैठे हुए कई लोगों का ध्यान भी इन दोनों की सीट की तरफ हो गया था. चर्चा का स्वर भी उनका ऊँचा होता जा रहा था, शायद और भी ऊँचा होता, तब तक वेटर ने उन्हें डिस्टर्ब कर दिया!

सर! यह आपके दो ‘एग-सैंडविच’ और दो ‘सॉफ्ट ड्रिंक’!

दोनों को भूख लग गयी थी, चर्चा भूलकर एक साथ ट्रे की ओर लपके.

वाऊ! बहुत टेस्टी है!

आदी ने सैंडविच को मुंह में दबाते हुए कहा. कुछ बटर उसकी उँगलियों पर भी लग गया था, उसको चाटने लगा.

क्यों भाई, तुझे बहुत हंसी आ रही है. तभी गौरव ने बगल में खड़े वेटर से पूछा!

वेटर शायद हंस रहा था, पर गौरव की डांट से सकपका गया, कुछ बोला नहीं, वापस जाने लगा.

गौरव को शायद उसकी हंसी चुभ गयी थी. उसने उसे रोकते हुए दोबारा पूछा-

भाई बता, क्यों हंस रहा है.

कुछ नहीं सर !

आप लोग बड़ी अच्छी चर्चा कर रहे थे.

‘कैंसर’ बड़ा खतरनाक रोग है.

– मिथिलेश

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